सहारनपुर। श्रीश्री 108 रामानंद सरस्वती महाराज नकुड़वाले बाला की 17वीं पुण्य तिथि एवं सरस्वती सत्संग भवन का 20वां वार्षिकोत्सव के उपलक्ष में आयोजित पांच दिवसीय कार्यक्रम का आज शुभारंभ किया गया।
पंत विहार स्थित आश्रम पर आज गुरूदेव की आरती के साथ कार्यक्रम की शुरूआत की। इस अवसर पर देवी सुदीक्षा ने सत्संग में प्रवचन करते हुए कहा कि आज तक परमात्मा के अर्थ अर्थात् भेद को कोई नहीं जान सका। वो ही व्यक्ति परमात्मा के भेद को जान सकता है, जो उनसे सच्चा प्रेम करता है। रामायण में राम जी को वनवास हुआ, तब गंगा में जाने के लिए जब केवट से राम जी ने नाव मांगीतब केवल केवट एक ही ऐसा व्यक्ति थाजिसने कहा कि नाथ में आपका मर्म जानता हूं।
प्रभुचरणों में सच्चा प्रेम रखने से ही व्यक्ति का जीवन सार्थक हो जाता है। इस अवसर पर राजीव कालियासंजीव जसूजा, सुधीर मिगलानी, कृष्ण लाल मक्कड़, अशोक मक्कड़, राकेशकमल, नीरज सेतिया, बंटी सुधा, ओम लोटन, हरेन्द्र बतरा, प्रवीन वधवा, सोरभ मदान, मानस कपूर, सोनू नागपाल, सुरेन्द्र गाबा आदि मौजूद रहे।