नागरिकता कानून के खिलाफ 15 दिसंबर से शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन का हल निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित मध्यस्थता पैनल आज फिर से प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचा। करीब डेढ़ घंटे की बातचीत के बाद भी वार्ताकार प्रदर्शनकारियों को मानने में विफल रहे। प्रदर्शनकारियों ने संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन की मौजूदगी में एलान किया कि वह रास्ता खाली नहीं करेंगे।
बंद पड़े रास्ते को देखने निकले वार्ताकार
वार्ताकार अब प्रदर्शनकारियों के साथ कालिंदी कुंज तक बंद पड़ी सड़क को देखने के लिए निकले। उनके साथ कुछ प्रदर्शनकारी महिलाएं भी बंद सड़क देखने जा रही हैं।
प्रदर्शनकारियों का एलान- रास्ता खाली नहीं करेंगे
प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकारों के सामने एलान किया कि वह रास्ता खाली नहीं करेंगे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जिस दिन केंद्र सरकार नागरिकता कानून हटाने का एलान कर देगी, हम उस दिन रास्ता खाली कर देंगे।
यहां आने का कोई मतलब नहीं: रामचंद्रन
बातचीत के दौरान एक प्रदर्शनकारी ने वार्ताकारों से कहा कि जिस देश में जज मार दीजिये वहां कैसे किसी कोर्ट पर भरोसा करें। इसपर साधना रामचंद्रन ने जवाब दिया कि जब बातचीत नहीं हो पा रही है तो यहां आने का कोई मतलब नहीं। दिल्ली पुलिस ने आप पर कोई अत्याचार नहीं किया, इसलिए उनका आदर कर रास्ता खाली कर दें।
प्रदर्शन के साथ सड़क भी चले: हेगड़े
हेगड़े ने कहा कि कल को कोई नोएडा के डीएनडी पर बैठ जाए फिर तो देश ही नहीं चल पाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के साथ सड़क भी चले।
एक हाथ से ताली नहीं बजती: संजय हेगड़े
संजय हेगड़े ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि आप अपनी जिद छोड़िये, सुप्रीम कोर्ट सड़क बंद के मामले पर सुनवाई कर रहा है। आप सीएए-एनआरसी पर अड़े हुए हैं। किसी को दुख पहुंचा कर अपने अधिकार नहीं मांगने चाहिए। ताली दोनों हाथों से बजती है एक हाथ से नहीं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अगर हठ गया तो आपके साथ कोई नहीं रहेगा।
कल किसी दूसरी जगह बातचीत पर विचार
इनसब के बाद साधना रामचंद्रन ने कहा कि शाहीन बाग में बातचीत के लिए शांति का माहौल नहीं है, इसलिए कल कहीं दूसरी जगह बातचीत पर विचार किया जाएगा। वार्ताकारों ने बातचीत के लिए प्रदर्शनकारियों की ओर से 20 लोगों की लिस्ट मांगी।
सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना पर भड़कीं साधना रामचंद्रन
इस दौरान एक महिला प्रदर्शनकारी ने गुस्से में सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना की, जिसपर साधना रामचंद्रन भड़क उठीं। महिला ने कहा कि आप गलत याचिका पर बातचीत करने आई हैं। इसपर साधना रामचंद्रन ने गुस्से में कहा कि आपको भारत का नागरिक कहलाने का कोई हक नहीं है। इतना कहकर उन्होंने उस महिला को पंडाल से भगा दिया।
वार्ताकारों के सामने रो पड़ा एक प्रदर्शनकारी
बातचीत के दौरान वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन के सामने अचानक एक प्रदर्शनकारी का दर्द छलक पड़ा। उसने फूट-फूट कर रोते हुए वार्ताकारों के सामने अपने बच्चों की भविष्य को लेकर चिंता जताई।
मीडिया को फिर बाहर किया
वार्ताकारों ने मीडिया को बाहर निकलने की अपील की और कहा कि बात बिना मीडिया के होगी। वहीं प्रदर्शनकारी कहने लगे कि वह मीडिया के सामने बात होगी। तब साधना रामचंद्रन ने कहा कि मीडिया रहेगा तो बात नहीं हो सकेगी। इसके बाद मीडिया बाहर चला गया।
साधना रामचंद्रन ने किया संबोधित
साधना रामचंद्रन ने दोबारा उन्हें संबोधित करते हुए कहा कि कल जिनसे बात नहीं हो पाई थी उनसे कैसे बात करनी है वो हमारा फैसला है, बाकी सारे फैसले आपके हैं।
हेगड़े की बातों पर भड़के प्रदर्शनकारी
संजय हेगड़े की बातों पर जब शोर मचने लगा तो उन्होंने पूछा कि आप लोगों का डर यही है न कि यहां से हटने के बाद आपकी सुनवाई नहीं होगी। तो बता दूं कि जब तक सुप्रीम कोर्ट है आपकी हर बात सुनी जाएगी।
प्रदर्शनकारियों को सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा नहीं
रास्ता खाली करने की अपील करते ही वार्ताकारों के खिलाफ प्रदर्शनकारी भड़के उठे। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट सरकार के साथ मिला हुआ है। इसलिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर भी भरोसा नहीं है।
विरोध ऐसा हो कि शाहीन बाग इसकी मिसाल बने
साधना रामचंद्रन के बाद संजय हेगड़े ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट चाहती है कि आपका प्रदर्शन चलना चाहिए और शाहीन बाग एक मिसाल बने। ऐसी मिसाल जिसमें लोग कहें कि एक प्रदर्शन हुआ था शांतिपूर्ण और जब लोगों को परेशानी हुई तो प्रदर्शनकारियों ने उनकी मदद की।
हम चाहते हैं कि यहीं शाहीन बाग में हल निकले: साधना रामचंद्रन
प्रदर्शनकारियों को विश्वास दिलाते हुए साधना रामचंद्रन ने कहा कि हम सबका इमान है कोशिश करना। अगर बात नहीं बनी तो हम सुप्रीम कोर्ट वापस चले जाएंगे। फिर सुप्रीम कोर्ट सरकार को कहेगी और जो वो चाहेंगे वही होगा। हम चाहते हैं कि कोई हल निकले और यहीं शाहीन बाग में हल निकले। शाहीन बाग बरकरार रहना चाहिए।
हम आपको तकलीफ में नहीं देख सकते: साधना रामचंद्रन
साधना रामचंद्रन ने कहा कि हम चाहते हैं कि आपका आंदोलन शाहीन बाग में ही बरकरार रहे। हम आपसे केवल बंद सड़क को खुलवाने पर बातचीत करना चाहते हैं। हम सबसे बात नहीं कर सकते। हम आपको तकलीफ में नहीं देख सकते।
हम चाहते हैं शाहीन बाग बरकरार रहे: साधना रामचंद्रन
प्रदर्शनकारियों से बातचीत करते हुए साधना रामचंद्रन ने कहा कि सीएए, एनआरसी का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के सामने है। वो कोर्ट का मुद्दा है, उस पर सुनवाई होगी। उस पर हम आज बात नहीं करेंगे। हम मानते हैं कि अगर आपके जैसी बेटियां और महिलाएं हैं तो देश सुरक्षित है। उन्होंने लोगों से कहा कि आप ने बुलाया इसलिए हम फिर आए। संजय भईया(संजय हेगड़े) और मैं नहीं चाहते कि शाहीन बाग हटे, हम चाहते हैं शाहीन बाग बरकरार रहे।