विद्यार्थियों में श्रृद्धा निर्माण करें शिक्षक : राजेन्द्र अग्रवाल



 


स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय में हुआ भव्य ‘‘शिक्षक सम्मान समारोह‘‘ का आयोजन। लगभग दो हजार शिक्षकों का हुआ सम्मान। महापुरूषों के जीवन पर आधारित विशेष पुस्तक ‘‘महापुरूष एक परिचय‘‘ का भी हुआ विमोचन। हर ओर नजर आया गुरूओं का सम्मान।



बागपत। स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय का मांगल्य प्रेक्षागृह हजारों शिक्षकों के सम्मान का गवाह बना। सुभारती विश्वविद्यालय में रविवार की सुबह का आग़ाज आस पास के जनपदों व राज्यों से आए शिक्षकों को सम्मान देने के साथ शुरू हुआ। कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ मेरठ हापुड़ लोकसभा क्षेत्र से माननीय सांसद राजेन्द्र अग्रवाल  ने विशिष्ट अतिथि मेरठ महानगर संघ चालक विख्यात समाज सेवी श्री विनोद भारती, सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति डा.एन.के आहूजा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज एवं प्रतिकुलपति डा. डीसी सक्सैना के साथ मिल कर मॉ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन करके किया। कुलपति डा. एन.के आहूजा ने मुख्य अतिथि राजेन्द्र अग्रवाल  को सुभारती पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत पौधा भेंट करके उनका स्वागत किया व विशिष्ट अतिथि विनोद भारती को सुभारती विश्वविद्यालय की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज ने पौधा भेंट करके उनका स्वागत किया। इस दौरान छात्र छात्राओं ने सरस्वती वन्दना प्रस्तुत कर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया।



स्वागत भाषण में कुलपति डा. एन.के आहूजा ने कहा कि शिक्षक समाज को दिशा दिखाता है और हमारे जीवन में सफलता के पीछे शिक्षक के द्वारा सीखई गई बातें ही हमें कामयाबी के शिखर पर पहुंचाती है। उन्होंने इस अवसर पर सुभारती विश्वविद्यालय के हर संकाय एवं विभागों से विस्तृत परिचय कराने के साथ कैम्पस में महापुरूषों के नाम पर स्थापित विभिन्न भवनों एवं सुभारती विश्वविद्यालय के शिक्षा, सेवा, संस्कार एवं राष्ट्रीयता के मंत्र से सभी को रूबरू कराया। उन्होंने सभी शिक्षको को देश में शिक्षा के प्रसार प्रचार एवं हर घर तक शिक्षा को पहुंचाने के लिए अपनी शुभकामनाएं दी।



मुख्य अतिथि माननीय सांसद श्री राजेन्द्र अग्रवाल जी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय का शिक्षक सम्मान समारोह प्रेरणादायक कार्यक्रम है जिसमें समाज को दिशा दिखाने वाले गुरूओं को नमन करते हुए उन्हें सम्मानित किया जा रहा है जो बड़े गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि गुरू हमारे जीवन में व्यक्तित्व का निर्माण करते है साथ ही हमें ऊंगली पकड़ कर सफलता के शिखर तक पहुंचाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। श्री राजेन्द्र अग्रवाल जी ने अपनी छात्र जीवन का भी जिक्र किया जिसमें उन्हांने बताया कि एक शिक्षक ही अपने विद्यार्थी को जीवन में आगे बढ़ने हेतु प्रोत्साहित करते है। उन्होंने शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि छात्रों में श्रृद्धा निर्माण करना जरूरी है ताकि हमारी नई पीढ़ी अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित कर सकें। अंत में कुलपति डा.एन.के आहूजा एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज व प्रतिकुलपति डा. डीसी सक्सैना ने माननीय सांसद श्री राजेन्द्र अग्रवाल को शॉल पहनाकर व फाईन आर्ट कॉलिज की पेंटिंग भेंट करके उन्हें सम्मानित किया।



विशिष्ट अतिथि मेरठ महानगर के संघ चालक श्री विनोद भारती ने कहा कि गुरू हमारे जीवन को अंधकार से प्रकाश की ओर लाने का कार्य करते है एवं हमारे कुशल मार्ग दर्शक के रूप में हमें जीवन के हर बिन्दु का ज्ञान देकर सफलत व्यक्ति बनाते है। उन्होंने कहा कि भारत को विश्वगुरू इसलिये कहा जाता है कि यहां की शिक्षा प्रणाली में संस्कार एवं नैतिकता का संगम है और इसी संगम से देश में क्रान्ति लाने वाले सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण ने शिक्षा, सेवा, संस्कार एवं राष्ट्रीयता के मार्ग पर चलकर भारत को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाई है साथ ही सीएए, एनआरसी एवं एनपीआर जैसे मुद्दे पर देश में सबसे पहले जागरूकता कार्यक्रम करके लोगो को सही जानकारी देने का सराहनीय कार्य किया है जो बड़े गर्व की बात है और यही शिक्षा के मंदिर की सीख है। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय ने भारतीय संस्कृति व धरोहर को संरक्षित करने का बहुत बड़ा कार्य किया है जिसमें यहां के हर संकाय एवं विभागों के नाम विभिन्न महापुरूषों के नाम पर स्थापित है जो छात्र छात्राओं को सदैव देशहित में कार्य करने की प्रेरणा देते है। अंत में कुलपति डा.एन.के आहूजा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज, प्रतिकुलपति डा.डीसी सक्सैना ने विश्ष्टि अतिथि श्री विनोद भारती को शॉल पहनाकर व तथागत गौतम बुद्ध की पेंटिंग भेंट करके सम्मानित किया।



समारोह में विशिष्ट अतिथि श्री विनोद भारती ने कुलपति डा.एन.के आहूजा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज, प्रतिकुलपति डा.डीसी सक्सैना एवं डा.विवेक संस्कृति के साथ मिलकर महापुरूषों के जीवन पर आधारित विशेष पुस्तक ‘‘महापुरूष एक परिचय‘‘ का भी विमोचन किया। इस पुस्तक के रचियता संस्थापक डा. अतुल कृष्ण, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज एवं डा. विवेक संस्कृति है।
शिक्षक सम्मान समारोह की मुख्य संयोजिका एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. शल्या राज ने समारोह में आए सभी शिक्षको को धन्यवाद देते हुए कहा कि शिक्षक समाज को कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ना सिखाता है और हर व्यक्ति के जीवन में शिक्षक अभिभावक के रूप में मार्ग दर्शन करके जीवन को सफल बनाने में अहम भूमिका अदा करते है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देश में शिक्षा के लिए उत्कर्ष योगदान दे रहे शिक्षकों को सम्मानित करके उन्हें प्रोत्साहित करना है ताकि समाज में शिक्षा को सर्वसुलभ बनाया जा सके एवं हर व्यक्ति के द्वार शिक्षा पहुंचे जिससे हमारा देश विकास की नई बुलंदियां छू सके और भारत विश्व गुरू बन सकें। उन्होंने सभी शिक्षकों को कार्यक्रम में आने पर धन्यवाद किया।
कार्यक्रम में सुभारती फाईन आर्ट कॉलिज के परफॉरमिंग आर्ट विभाग के छात्र छात्राओं ने सामूहिक नृत्य व श्लोक गायन की प्रस्तुति देकर सभी को भारतीय संस्कृति की सुगंध से सराबोर कर दिया एवं नेचुरोपैथी कॉलिज के छात्र छात्राओं ने संगीतमय योग प्रस्तुति दी।


डा. बरखा भारद्वाज ने कार्यक्रम में आए सभी शिक्षकों को समाज में शिक्षा के प्रचार प्रसार करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा लिखित शपथ दिलाई। धन्यवाद ज्ञापन प्रतिकुलपति डा.डीसी सक्सेना ने किया। कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम गायन के साथ हुआ।



मंच का संचालन डा. विवेक संस्कृति एवं डा नीरज कर्ण सिंह ने किया


इस अवसर पर सांसद प्रतिनिधि श्री हर्ष गोयल, कार्यक्रम समन्वयक लॉ कॉलिज के प्राचार्य डा. वैभव गोयल भारतीय, डा.अभय शंकरगौड़ा, एडमिशन सैल प्रभारी तरूण कामबोज, अतिरिक्त कुलसचिव सैयद ज़फ़र हुसैन, डा. पिंटू मिश्रा, डा. भावना ग्रोवर, डा. संदीप चौधरी, सहायक निदेशक सुरक्षा धर्मवीर सिंह, सहायक निदेशक पीपीडी ई.आकाश भटनागर, डा. मनोज कुमार त्रिपाठी, प्रशासनिक अधिकारी हर्षवर्धन कौशिक, डा.शिव मोहन वर्मा,, डा. राजीव अरोड़ा, डा. पीके. शर्मा, डा. मनोज कपिल, धीरज बजाज, निधि नौटानी, राजकुमार सागर सहित शिक्षक सम्मान समारोह समिति के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा।